

महाराजा सुहेल देव की मूर्ति लगाने का शुरू हुआ काम
सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव ने किया शिलान्यास
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग रहे मौजूद
आजमगढ़।
सगड़ी विधान सभा क्षेत्र के रसूलपुर गांव में चक्रवर्ती सम्राट महाराजा सुहेलदेव राजभर के मूर्ति का शिलान्यास सोमवार को सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने किया।
उन्होने कहा कि महाराज सुहेलदेव राजभर की जीवनगाथा और शौर्यकथा को उच्च शिक्षा के पाठयक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। उनके इतिहास पर और अधिक शोध की जरूरत है। पूर्व के इतिहासकारों ने महाराजा सुहेलदेव राजभर के इतिहास को छिपाने का प्रयास किया, लेकिन आज सुभासपा के अथक प्रयास और संघर्ष से देश व प्रदेश का हर बच्चा उनके शौर्य से वाकिफ है। शोध में यह भी जानने की कोशिश होनी चाहिए कि इतिहासकारों ने ऐसा क्यों किया? महाजारा सुहेलदेव राजभर राष्ट्र, समाज, संस्कृति और सभ्यता की लड़ाई लड़ने वाले महान योद्धा थे। 21 साल पहले वाराणसी के सारनाथ में महाराजा सुहेलदेव राजभर के स्वर्णिम इतिहास से देश के हर व्यक्ति को अवगत कराने का जो संकल्प उठाया था। वह पूरा होता नजर आ रहा है। आज हर आम व खास महाराजा सुहेलदेव के शौर्य को जान चुका है। गुमनामी की जिंदगी बसर कर रहे राजभर समाज जाग गया है। सुभासपा का गठन ही महाराजा सुहेलदेव राजभर के सपने को देश की कानून व्यवस्था में लागू करने के लिए किया गया है और हम संकल्पित हैं कि चाहे जो भी स्थितियां आएं पार्टी अपने मूल उद्देश्यों की लड़ाई हमेशा लड़ती रहेगी।
सुभासपा महासचिव अरुण राजभर ने लोगों से पूछा कि कितने लोग चाहते हैं कि थाने पर जाने पर कुर्सी पर बिठाया जाए। चाहते हो तो घबड़ाओ नहीं। ओम प्रकाश राजभर कुछ ही दिन में इस लायक बना देगा कि आपको थाने में कुर्सी पर बैठाया जाएगा। ओम प्रकाश राजभर दिल्ली गए थे और प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मिले और लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी जी से मिले है बड़ी चर्चा हुई है। गृह विभाग ने कहा कि ओम प्रकाश राजभर भर जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल कराने के लिए जो कह रहे हैं वह सही है। इसकी लड़ाई लंबे समय से लड़ी गई। देश में सबको मालूम हो गया है कि ओम प्रकाश राजभर यूपी में बड़ी ताकत बन गया है। ओम प्रकाश राजभर जो सदन में बोलते हैं वही सड़क पर बोलते हैं। हाईकोर्ट ने आदेश दे दिया है कि भर, राजभर जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल कर दिया जाए। मुख्यमंत्री से सारे सबूत के साथ ओम प्रकाश राजभर मिले है। मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव ने सीएम के सामने पूरी फाइल देखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लड़ाई सही है। मुख्यमंत्री दिल्ली प्रस्ताव भेजने के लिए तैयार हो गए। मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव को प्रस्ताव भेजने का आदेश दे दिया। 17 जिलों का सर्वे हो चुका है 71 साल बाद यह प्रस्ताव लखनऊ से दिल्ली भेज जायेगा। यह प्रस्ताव दिल्ली से पास कराना है। यह लड़ाई आपके बच्चों के भविष्य की है। इस मुद्दे पर लगातार सीएम से बात हो रही है।
उन्होंने कहा कि यह लड़ाई हमार आपन ना ह पूरे समाज का ह। ऊर्जा दे द और ताकत दे द। एक समान शिक्षा के लिए लड़ाई लड़ने का आह्वान किया। अरुण राजभर ने कहा कि विरोधी खूब अफवाह फैला रहे हैं आप सावधान हो जाइये , ओम प्रकाश राजभर ने गरीबों के इलाज के लिए 6 वर्षों में 15 करोड़ रूपये अपने कलम से देने का काम किया है। आप इलाज के लिए इस्टीमेट बनवाकर दे दीजिए। ओम प्रकाश राजभर और पार्टी के विधायक इस काम को पूरा करेंगे। गरीबों का इलाज निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों में फ्री हो खर्च सरकार उठाए यह कानून बनना चाहिए। इस मौक़े पर प्रदेश उपाध्यक्ष वकील चौरसिया, प्रदेश महासचिव चंद्रजीत राजभर, जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र राजभर, बबलू राजभर,रामसूरत राजभर, अस्वनी मिश्र ,अजीत राजभर ,उर्मिला राजभर आदि उपस्थित रहे। संचालन वकील चौरसिया ने किया अध्यक्षता राधेकृष्ण कनौजिया ने किया।