
दैनिक भारत न्यूज
आजमगढ़।
लालगंज ब्लाक के ग्राम पंचायत नोनीपुर में स्थित बैकुंठ धाम पर अस्सी घाट वाराणसी के महंत राम अखंड दास जी महाराज की देख रेख में अक्षय तृतीया से प्रारंभ हुई भागवत कथा का समापन 16 मई को होगा। भागवत कथा के चौथे दिन कथा वाचक प्रद्युमन जी ने भगवान के वाराह अवतार, नरसिंह अवतार, कृष्णावतार और रामा अवतार के कारणों तथा उनकी विशद लीलाओं पर प्रकाश डाला। इस दौरान निकाली गयी भगवान श्री कृष्णा के जन्म उत्सव की झांकी बड़ी ही आकर्षक रही। जिसमें एक छोटे बच्चे को भगवान श्री कृष्णा के रूप में सजाकर पूजा की गई। तथा अत्यंत सरस और मधुर बधाई गीत प्रस्तुत किया गया। आपने बताया कि भक्ति ज्ञान और वैराग्य को बढ़ाकर परम तत्व की प्राप्ति कराना ही भागवत कथा का उद्देश्य है। भागवत कथा के श्रवण से सांसारिक कष्टों से छुटकारा मिलता है और मन को शांति मिलती है। भगवान अपने भक्तों की पुकार को सुनकर दौड़े हुए आते हैं। गज, अजामिल, गणिका और द्रौपदी ने जब भगवान को आर्तभाव से पुकारा तो वह उनकी रक्षा के लिए दौड़े हुए आए। महंत राम अखंड दास जी महाराज ने कहा कि जीवात्मा और परमात्मा का अटूट संबंध है। परमात्मा सदैव जीवात्मा के साथ रहते हैं। भागवत कथा में निरंजन और अब्यक्त की कथा के माध्यम से भगवान और जीवात्मा के अटूट संबंध को दिखाया गया है। निरंजन जीवात्मा का प्रतीक है और अव्यक्त परमात्मा का प्रतीक है। निरंजन अर्थात जीवात्मा जब निरंजनी अर्थात माया के संपर्क में जाता है, तो वह अव्यक्त अर्थात भगवान से दूर हो जाता है। राम से बड़ा राम का नाम। राम नाम जप की महिमा अपरंपार है। राम नाम जप ही भवसागर से पार जाने का एकमात्र उपाय है। इस अवसर पर पूर्व प्रधानाचार्य ओम प्रकाश सिंह तिलखरा, प्रधानाचार्य अजय सिंह सुधीर सिंह, श्याम सुंदर यादव , रामरेखा यादव , रंजीत यादव, भूप नारायण सिंह, रामचन्दर सिंह,नन्दन सिंह , गोपाल तिवारी,राम अवध, राधेश्याम , सुनील, राजमन निहोरी, सियाराम, गणेश तिवारी, आनंद, आदि लोग बहुत बड़ी संख्या में भागवत कथा का रसास्वादन करने हेतु कथा पांडाल में उपस्थित थे।
