दहेज न मिलने पर पत्नी को कर रहा था प्रताड़ित
आजमगढ़।
आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में अदालत में आरोपी पति को दोषी पाते हुए 5 वर्ष की कैद की सजा सुनाई। साथ ही₹10000 का जुर्माना भी लगाया। शुक्रवार को यह सजा अपर सत्र न्यायाधीश सतीश चंद्र द्विवेदी की अदालत ने सुनाई। मुकदमे के अनुसार निजामाबाद थाना क्षेत्र के नादौली गांव निवासी छोटेलाल की पुत्री रेणु की शादी वर्ष 2000 में सिधारी थाना के बरामदपुर गांव निवासी चंद्रिका पुत्र सहदेव के साथ हुई थी। शादी के बाद दहेज को लेकर चंद्रिका उसे प्रताड़ित करता था इसी मांग से तंग आकर 23 दिसंबर 2010 की रात रेनू ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस मामले में संबंधित थाना पुलिस ने जांच कर आरोपी के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। मुकदमे के परीक्षण के दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता जगदंबा पांडे ने इस मुकदमे के बादी समेत कुल छह गवाहों को पेश किया और तर्कों को रखा। अदालत ने उभय पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद आरोपित पति को दोषी पाया और उक्त सजा का निर्धारण किया।