राजनिति के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा अमर सिंह का नाम
श्रद्धांजलि सभा में उमड़े थे तमाम दिग्गज राजनितिज्ञ
आजमगढ़।
चौरी बेलहा महाविद्यालय तरवां आजमगढ़ के तत्वावधान में साहस, संकल्प और संघर्षों के प्रतीक स्वर्गीय ठाकुर अमर सिंह की तीसरी पुण्यतिथि मंगलवार को बड़े ही श्रद्धा पूर्वक मनाई गई। इस मौके पर भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय के अलावा पहुंचे प्रदेश के कोने-कोने से उनके चाहने वालों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
बतौर मुख्य अतिथि भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय ने कहा की अमर सिंह का व्यक्तित्व बहुत ही विशाल था। राजनीति कुशल नायक थे। चाहे सियासत का क्षेत्र रहा हो या फिर व्यापार का सभी क्षेत्रों में उन्होंने अपने कार्यों से इतिहास बनाया। सियासत में उन्होंने समय-समय पर अपनी ताकत का एहसास कराया। उनकी ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की देश में न्यूक्लियर डील रही हो या कांग्रेस की सरकार बचाने का मौका, उन्होंने अपनी बौद्धिक और सियासी ताकत का एहसास सभी दलों से कराया था। उन्होंने ऐलान करते हुए कहा भारतीय राजनीति का जब भी इतिहास लिखा जाएगा तो किसी न किसी पन्ने में स्व. अमर सिंह का भी नाम अंकित होगा । अमर सिंह किसी भी राजनीतिक बाउंड्री के बंधे हुए नहीं थे। वह न सपा के थे,न बसपा,न कांग्रेस,न भाजपा के थे उन्होंने हमेशा अन्याय के विरुद्ध संघर्ष किया। उन्होंने अमर सिंह की महापंडित राहुल सांकृत्यायन से तुलना करते हुए कहा कि वह भी पूरी दुनिया का भ्रमण करते रहे फिर भी उनका लगाव तरवां से बना रहा रहा।स्व. अमर सिंह को राई से पर्वत बनाते हुए देखा है। अमर सिंह ने बहुतों के लिए किया। अमर सिंह ऐसी शख्शियत थे जो नीचे के लोगों को ऊपर तक पहुंचाया। अमर सिंह ने क्षेत्र नही प्रदेश और देश में जो विकास का काम किया है उसको लिखने के लिए पन्ने कम पड़ जाएंगे।
सपा कलाकारों का सम्मान नहीं करती
एक राजनीतिक सवाल का जवाब देते हुए सहजानंद राय ने कहा कि सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने जो बयान दिया है उससे साफ जाहिर है कि समाजवादी पार्टी कलाकारों का सम्मान नहीं करना जानती, इसीलिए आजमगढ़ के सांसद दिनेश लाल निरहुआ को नौटंकी करने वाला बता रही है। भाजपा ने इसका जवाब आजमगढ़ के उपचुनाव में दे दिया है और 2024 के लोकसभा के चुनाव में फिर इसका जवाब देगी।
अंत मे श्रद्धांजलि समारोह के माध्यम से उपस्थित लोगों से कहा कि आने वाली पीढ़ियां उनसे सीख लें और किए गए अच्छे कार्यों इसी को लेकर उनके पद चिन्हों पर चलें।
चौरी बेलहा महाविद्यालय के प्रबंधक व इस कार्यक्रम के आयोजक प्रभाकर सिंह ने श्रद्धांजलि समारोह में उपस्थित सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त करते हुए कि उन्होंने अपने जीवन में उन्हीं को अपना नेता और अभिभावक माना था। आज वह इस दुनिया में नहीं है ,उन्हें इस बात का बहुत दुख है की उन्होंने अल्पायु ने अपनी शरीर छोड़ दिया। अभी उनको इस देश को बहुत सख्त जरूरत थी ।
इस मौके पर पहुंचे अनेक वक्ताओं ने कहा कि अमर सिंह अंतरराष्ट्रीय स्तर के नेता थे, जिन्हें अमेरिका के राष्ट्रपति और तमाम देशों के प्रधानमंत्रि और अन्य शख्सियतें व्यक्तिगत रूप से जानती थी। इस कार्यक्रम में पहुंचे अनेक लोगों ने अमर सिंह के साथ बीते क्षणों के संस्मरणों को सुनाया । वह हमेशा अग्रिम पंक्ति के नेताओं में थे ।