
26 सितंबर की रात आठ बजे हुई मारपीट के मामले की सुलग रही आग
घायल मो. वामिक के घर पहुंचने पर आरोपियों ने पुनः घेरा, डायल 112 के आने पर बची जान
आशीष तिवारी
आजमगढ़।
देवरिया जिले की घटना पर पुलिस और सरकार को जवाब देते नहीं बन रहा। निष्क्रियता के चलते ही रानी की सराय थाना क्षेत्र के रोवां गांव में भी कुछ इसी तरह के हालात बने हुए हैं। यदि समय रहते पुलिस इस मामले में सख्त एक्शन नहीं लेगी तो गंभीर परिणाम देखने को मिल सकता है।
रानी की सराय थाने के रोवां गांव निवासी मो. वामिक पुत्र इमरान को 26 सितंबर की रात करीब आठ बजे रोवां गांव निवासी गुफरान, इरफान, अब्दुल्ला आदि ने उसे मारपीटकर गंभीर रुप से घायल कर दिया। घटना का कारण बच्चों का विवाद रहा। गंभीर चोट लगने से मो. वामिक बेहोश हो गया। जिला अस्पताल में सघन इलाज के बाद उसकी तबियत में सुधार हुआ। दो अक्तुबर को मो. वामिक अस्पताल से छुट्टी मिलने पर अपने घर पहुंचा। इस घटना के संबंध में रानी की सराय थाने में केस दर्ज है, लेकिन पुलिस द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है। पुलिस के इस लापरवाही का परिणाम रहा कि आरोपीगण तीन अक्तुबर की शाम को मो. वामिक को घर के पास गली में पकड़ लिए और मुकदमा उठाने का दबाव बनाने लगे। केस न उठाने पर देवरिया जिले में हुई घटना की पुनरावृत्ति करने की धमकी दिए।
मो. वामिक का आरोप है कि वह किसी तरह से इनके चंगुल से बचकर भाग निकला। घटना की सूचना मिलने पर डायल 112 की पुलिस पहुंची तो मामला शांत हुआ। मनबढ़ों की धमकी से भयभीत मो. वामिक ने पुनः रानी की सराय थाने में तहरीर देकर जान माल की रक्षा करने की गुहार लगाई है।
बता दें कि देवरिया जिले में एक ही परिवार के छह लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। इसके पीछे की मुख्य वजहों में सबसे बड़ी वजह पुलिस की निष्क्रियता भी उजागर हो रही है। बावजूद इसके पुलिस महकमा घटनाओं को लेकर गंभीर नहीं दिख रहा है। पुलिस के इस प्रकार की लापरवाही से रोवां गांव में विवाद गंभीर होते जा रहा है।